केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं और 12वीं कक्षा के एग्जाम पैटर्न में बदलाव करने जा रही है। हालांकि सह बदलाव वर्ष 2020 में आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षाओं से लागू होगा। सूत्रों के अनुसार नए पैटर्न में प्रश्नपत्र का प्रारूप बदला जाएगा। जिसके तहत स्टूडेंट्स के रट्टा मारने की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी। नए एग्जाम का पैटर्न छात्रों की विश्लेषणात्मक क्षमता को टेस्ट करेगा। इसके पीछे बोर्ड का उद्देश्य स्टूडेंट्स में सीखने व सोचने की प्रवृत्ति को विकसित करना है।

कुछ ऐसा होगा नए प्रश्नपत्र का स्वरूप
1- क्वेस्चन पेपर अब विश्लेषणात्मक पैटर्न के होंगे।
2- शॉर्ट क्वेस्चन ज़्यादा होंगे।
3- छात्रों की क्रिटिकल थिंकिंग अबिलिटी को टेस्ट करने पर रहेगा ज़्यादा फोकस।

एग्जाम शिड्यूल में ये बदलाव
1- वोकेशनल विषयों के एग्जाम अगले सत्र से फरवरी में होंगे, जबकि मुख्य विषयों के एग्जाम मार्च में खत्म हो जाएंगे।
2- पेपर के मूल्यांकन के लिए ज़्यादा समय मिलेगा और रिजल्ट समय से पहले घोषित किए जाएंगे।

दो भागों में हो सकती हैं बोर्ड की परीक्षाएं
10वीं और 12वीं के सभी एग्जाम्स को मार्च में खत्म कराने और उनके रिजल्ट को जल्दी घोषित करने के लिए भी सीबीएसई ने अपना खास प्लान बनाया है। सूत्रों के अनुसार, सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाओं को दो भागों में कराएगी – वोकेशनल और नॉन-वोकेशनल। चूंकि वोकेशनल परीक्षाओं में छात्रों की संख्या कम होती है, इसलिए उन्हें फरवरी में कराया जाएगा, जबकि नॉन-वोकेशनल सब्जेक्ट्स की परीक्षाओं को मार्च में 15 दिनों के अंदर ही कराया जाएगा।

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