ओपन स्कूलिंग व प्राइवेट स्टूडेंट्स के लिए अच्छी खबर यह है कि अब वह आने वालों सालों में बिना किसी रुकावट के नीट दे पाएंगे। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को ये फैसला सुनाया है। करीब 81 पन्नों के जजमेंट में कोर्ट ने ओपन स्कूलिंग और प्राइवेट स्टूडेंट्स को नीट से बाहर करने के मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के निर्णय को गलत माना है। अब इन कैटेगरी के स्टूडेंट्स आने वाले सालों में मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम दे पाएंगे। इससे देशभर के करीब 10 हजार स्टूडेंट्स को फायदा मिलेगा। ओपन स्कूलिंग में नेशनल ओपन स्कूलिंग और स्टेट ओपन स्कूलिंग दोनों ही स्टूडेंट्स शामिल है। यही लाभ प्राइवेट पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को भी मिलेगा। इसी प्रकार एडिशनल बॉयोलाजी से नीट देने वाले स्टूडेंट्स के संबंध में हाईकोर्ट ने कहा कि जो निर्णय एमसीआई ने इस कैटेगरी के स्टूडेंट्स के लिए रिवाइज किया था, वो ही लागू होगा। एमसीआई ने रिवाइज निर्णय में कहा था कि 2 साल तक बॉयोलाजी पढ़ने वाले स्टूडेंट्स ही नीट के लिए एलिजिबल होंगे। इसमें ब्रेक हो तो भी पात्रता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

अब 25 साल ही रहेगी अधिकतम आयु सीमा

हाईकोर्ट ने 25 साल से अधिक आयु के स्टूडेंट्स को इस साल तो नीट में शामिल होने की इजाजत दे दी है, लेकिन अगले सेशन के लिए राहत नहीं दी है। ऐसे में नीट देने की अधिकतम आयु 25 ही रह सकती है। अगले सेशन से 25 साल तक के स्टूडेंट्स ही नीट देंगे। गौरतलब है कि पिछले साल भी आयु सीमा को लेकर विवाद हुआ था।

सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प
अब दोनों ही पक्षों के पास सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का विकल्प है। जिन कैटेगरी में कोर्ट ने स्टूडेंट्स को अलाऊ किया है, उसके लिए सीबीएसई व एमसीआई सुप्रीम कोर्ट जा सकता है। ओवरएज स्टूडेंट्स भी अपील कर सकते हैं।

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