RPSC भर्ती : राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओटीआर सुविधा शुरू, अभ्यर्थी को एक यूनिक नंबर मिलेगा
राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) की व्यवस्था प्रारंभ की गई है। ओटीआर सुविधा से लिटिगेशन कम हो सकेंगे और भर्ती प्रक्रिया में भी देरी से बचा जा सकेगा। वन टाइम रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया से सभी अभ्यर्थियों खासकर शहरी ग्रामीण, दूरदराज के अभ्यर्थियों को सहूलियत मिलेगी। अक्सर देखने में आता है कि आवेदनों में नाम की वर्तनी, पिता का नाम, गृह जिला आदि जैसी जानकारियों की प्रविष्टि के समय गलती रह जाती है। इसके कारण अभ्यर्थियों को व आयोग को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार अभ्यर्थियों द्वारा गलती सुधारने के लिए पुनः आवेदन तक कर दिया जाता है। ऐसे में आयोग को एक ही व्यक्ति के 2 व अधिक आवेदन भी प्राप्त होते हैं। इन आवेदनों में से एक आवेदन को मान्यता देना व दूसरे को खारिज करना पड़ता है। आयोग द्वारा दिए गए संशोधन के अवसर पर भी अभ्यर्थियों का अमूल्य श्रम व धन व्यय होता है। इन सबसे भर्ती प्रक्रिया में भी विलंब होता है साथ ही अभ्यर्थियों द्वारा की गयी त्रुटि अनावश्यक वाद करण का कारण भी बनती है। अभ्यर्थियों की इस समस्या पर आयोग द्वारा काफी समय से अनुसंधान के बाद प्रक्रिया विकसित करने का कार्य किया जा रहा था।
ओटीआर में अभ्यर्थी को एक यूनिक नंबर मिलेगा। इस नंबर के आधार पर ही अभ्यर्थी भविष्य में किए जाने वाले अन्य आवेदनों में इसका उपयोग करेगा, ताकि उसे दस्तावेज दोबारा अपलोड नहीं करना पड़े। आयोग की आईटी सेल ने ओटीआर का प्रजेंटेशन भी दिया। अखिलेश मित्तल ने बताया कि इसके लिए अभ्यर्थी को अपनी एसएसओ आईडी. से लॉगिन करने के पश्चात स्टेट रिक्रूटमेंट पोर्टल पर जाना होगा।
सचिव एचएल अटल ने कहा कि यह प्रक्रिया आवेदक फ्रेंडली है। इसके माध्यम से आवेदन प्रक्रिया अत्यंत सरल हो गई है। अभ्यर्थी मात्र एक बार विवरण दर्ज करेगा व इसका उपयोग आयोग की अन्य भर्ती परीक्षाओं में आवेदन करते समय कर सकेगा। भविष्य में इस प्रक्रिया का उपयोग साक्षात्कार व काउंसलिंग के समय दस्तावेजों के प्रमाणीकरण में भी किया जा सकेगा।
आईटी के अतिरिक्त निदेशक अखिलेश मित्तल ने कहा कि ओटीआर प्रक्रिया में यदि डुप्लीकेट अभ्यर्थी प्रदर्शित होता है तो उसको अस्थाई तौर पर अनुमत करते हुए फार्म भरने दिया जाएगा, किंतु आयोग बाद में उसका सत्यापन कर उसे अलग अभ्यर्थी होने की दशा में ही ओटी.आर. नम्बर देगा। अन्यथा उसको पूर्व में दिये गये ओटीआर. नम्बर एवं एसएसओ आईडी. में विलयध्मर्ज करेगा एवं अभ्यर्थी को एसएमएस. से सूचित करेगा। प्रथम बार आवेदन पश्चात अभ्यर्थी द्वारा अन्य परीक्षा अथवा विषय में आवेदन के समय पूर्व में प्रविष्ट किया गया पूर्ण डेटा प्रदर्शित होगा ताकि पुनः सम्पूर्ण विवरण नहीं भरना पड़े।