सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों की ओर से जेईई व नीट को स्थगित करने की मांग को लेकर लगाई गई याचिका को खारिज दिया है। दोनों परीक्षाओं पर स्थिति साफ होने के बाद एनटीए ने एडमिट कार्ड भी जारी कर दिए। मेन के बाद आईआईटी के लिए होने वाला जेईई एडवांस्ड भी अब सितंबर में ही तय है। ऐसे में आईआईटी में फर्स्ट ईयर का सेशन दिसंबर की शुरुआत से प्रारंभ हो सकता है। अक्टूबर व नवंबर काउंसलिंग व छात्रों की रिपोर्टिंग में निकलेंगे।

दूसरी ओर, मेडिकल कॉलेजों में सेशन नवंबर मध्य तक शुरू हो सकता है। ऐसे में अब एनटीए को परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ानी होगी। नीट में करीब 16 लाख छात्र इसमें बैठेंगे। जेईई मेन-2 करीब नौ लाख देंगे। कुल मिलाकर करीब 25 लाख छात्र यह एग्जाम देंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि परीक्षा के आयोजन के अलावा कोई विकल्प ही नहीं है क्योंकि देश की आईआईटीज व मेडिकल कॉलेजों में जीरो सेशन किसी भी हाल में संभव नहीं है। वहीं अगर इस साल एग्जाम नहीं होते तो अगले साल काफी मुश्किल कॉम्पिटीशन हो जाता।

जेईई मेन एक से छह सितंबर व नीट 13 सितंबर को होगा। उधर, एडमिट कार्ड जारी करने के साथ ही एनटीए संबंधित सेल्फ डिक्लेरेशन भी भरवा रहा है। इसे भरने के बाद ही छात्र एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे। इसमें छात्र की मेडिकल हिस्ट्री के साथ वह कोविड संक्रमित व्यक्ति से संपर्क में आया या नहीं, यह भी पूछा जा रहा है। नीट भी एनटीए ही करवाएगा। एक्सपर्ट बताते हैं कि इस कारण यही मेडिकल हिस्ट्री नीट में भी पूछी जाएगी।

एम्स-जिपमेर में दाखिला भी नीट से
मेडिकल कॉलेजों के साथ एम्स व जिपमेर का सेशन भी देरी से शुरू होगा। एम्स व जिपमेर में दाखिला नीट के स्कोर से मिलेगा, काउंसलिंग की स्थिति फिलहाल स्पष्ट नहीं है। मेडिकल कॉलेजों में काउंसलिंग स्टेट व सेंट्रल कोटे के आधार पर होती है। एम्स में ऐसा कोई कोटा नहीं होता। इसलिए काउंसलिंग अलग-अलग हो सकती है।

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