मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) ने बुधवार को नीट-यूजी की काउंसलिंग का इंफॉर्मेशन ब्रोशर जारी कर दिया है। ब्रोशर में दी गई जानकारी के अनुसार दूसरे और इसके बाद के राउंड्स में अगर किसी छात्र को मेडिकल कॉलेज की सीट मिलती है और वह बिना किसी वाजिब कारण के सेंट्रल कोटे की सीट छोड़ देता है तो उसकी सिक्योरिटी राशि वापस नहीं दी जाएगी। दरअसल, सेंट्रल कोटे से सीट अलॉट होने के बाद भी छात्र स्टेट काउंसलिंग में भाग लेकर अपने राज्य के मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेते हैं। इससे सेंट्रल कोटे की सीटें खाली रह जाती हैं। इस कारण यह प्रावधान किया गया है। वहीं ब्रोशर में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अगर छात्र को काउंसलिंग के दौरान किसी भी प्रकार की दिक्कत आती है या फिर वह काउंसलिंग के प्रोसेस से संतुष्ट नहीं है तो वह सीधे ही कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है। मेडिकल एजुकेशन एक्सपर्ट्स के अनुसार यह काउंसलिंग ऑल इंडिया कोटे की 15 प्रतिशत सीटों के लिए हो रही है, लेकिन एम्स की 100 प्रतिशत सीटें इसी काउंसलिंग के जरिए अलॉट की जाएंगी। इस साल बीएससी नर्सिंग में भी नीट यूजी की काउंसलिंग के जरिए ही दाखिला मिलेगा। ब्रोशर में छात्रों को सलाह दी गई है कि वे सेंट्रल यूनिवर्सिटीज और जिपमेर जैसे संस्थानों की एलिजिबिलिटी पहले ही जांच कर चॉइस फिलिंग करें। इसी प्रकार छात्र डीम्ड यूनिवर्सिटीज की फीस का भी पहले पता करके चॉइसेज भरें, क्योंकि इन संस्थानों की फीस अधिक होती है। फीस के संबंध में एमसीसी किसी भी प्रकार की शिकायत दर्ज नहीं करेगा।

स्टेट काउंसलिंग के लिए कल तक होंगे आवेदन
राजस्थान स्टेट मेडिकल डेंटल काउंसलिंग बोर्ड द्वारा 85ः स्टेट कोटा की काउंसलिंग में भाग लेने के लिए पूर्व में आवेदन से वंचित छात्र 21 जनवरी तक आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन की फीस जमा कराने के लिए 21 जनवरी शाम 4 बजे तक का समय दिया गया है। ऑनलाइन आवेदन के बाद डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन की प्रक्रिया के लिए 24 जनवरी का दिन तय किया है। स्टूडेंट्स की प्रोविजनल लिस्ट 26 जनवरी को जारी कर दी जाएगी।

एम्स की एलिजिबिलिटी को अब एमसीसी ने माना

एम्स में दाखिले की पात्रता को अब एमसीसी ने काउंसलिंग के ब्रोशर में बदल दिया है। नीट यूजी के ब्रोशर में कहा गया था कि एम्स में दाखिला नीट की पात्रता के आधार पर ही मिलेगा। बुधवार को जारी हुए एमसीसी के ब्रोशर में यह स्पष्ट कर दिया है कि चॉइस फिलिंग में एम्स संस्थानों को लॉक करने से पहले छात्र उसकी पात्रता एम्स के ब्रोशर से ही चैक करें।

जिपमेर में सीट ट्रांसफर पर स्थिति स्पष्ट नहीं
जिपमेर ने भी एडमिशन प्रोस्पेक्ट्स जारी कर दिया है। पिछले साल जिपमेर के प्रोस्पेक्ट्स में यह स्पष्ट किया गया था कि इसके दोनों कैंपस में किसी भी प्रकार की सीट ट्रांसफर नहीं होगी। यानि, अगर किसी छात्र को जिपमेर कराईकल मिला है तो वह पुदुचेरी में सीट ट्रांसफर नहीं कर पाएगा। इस साल के प्रोस्पेक्ट्स में इस प्रावधान का उल्लेख नहीं किया गया है। पुदुचेरी में 187 और कराईकल में 62 एमबीबीएस की सीटें हैं।

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