नीट 2018- छात्रों को केवल यही कपड़े पहनकर आने पर मिलेगी एंट्री, वरना पछताएंगे
देश के मेडिकल काॅलेजों में एमबीबीएस सीटों पर एडमिशन के लिए सीबीएसई की ओर से नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेन्स टेस्ट (नीट) 2018 रविवार को आयोजित होने जा रही है। नीट की ओर से जारी एडमिट कार्ड के साथ संलग्न निर्देशों के अनुसार अभ्यर्थियों को हल्के रंग के कपड़े पहनकर आने को कहा गया है। शर्ट भी केवल आधी बाजू की पहननी है। जूतों के बजाए केवल चप्पल पहनकर ही आ सकते हैं। महिला अभ्यर्थी सलवार और पुरुष अभ्यर्थी ट्राउजर पहनकर आए। किसी भी कपड़े में कोई बड़ा बटन नहीं होना चाहिए। अभ्यर्थियों को नोजपिन, चेन, नेकलेस, पेंडेंट, बैज, ब्रूच, घड़ी, कोई भी मैटेलिक आइटम, पेन, पेंसिल, कैलकुलेटर, पेन ड्राइव, पर्स, चश्मा, हैंडबैग, बेल्ट, अंगूठी आदि लेकर आने पर भी पाबंदी लगाई गई है। सभी अभ्यर्थियों को सलाह दी गई है कि वह परीक्षा से एक दिन पहले अपने परीक्षा केंद्र को देख लें और समय से निकलें।
परीक्षा शुरू होने के बाद किसी भी अभ्यर्थी को एंट्री नहीं दी जाएगी। खास बात यह भी है कि सीबीएसई कुछ केंद्रों पर जैमर का इस्तेमाल करेगा, ताकि कोई किसी भी तरह से मोबाइल का इस्तेमाल न कर सके। हर परीक्षा केंद्र पर पुलिस तैनात रहेगी। गड़बड़ी करने वालों पर कानूनी कार्यवाही होगी।
सीबीएसई ने कहा है कि सुबह साढ़े 9 बजे के बाद स्टूडेंट को परीक्षा केंद्र में एंट्री नहीं दी जाएगी। एग्जाम सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक होगा।
पूरे देश भर के करीब 13 लाख 60 हजार स्टूडेंट्स नीट देंगे।
इस वर्ष उर्दू को भी जोड़ा
परीक्षा सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक आॅफलाइन मोड में होगी। इसमें 720 अंकों के 3 घंटे के पेपर में फिजिक्स, कैमेस्ट्री, जूलाॅजी व बाॅटनी के कुल 180 प्रश्न पूछे जाएंगे। पेपर विभिन्न राज्यों में हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती, उर्दू, मराठी, उड़िया, बंगाली, मराठी, असमी, तेलुगू, तमिल व कन्नड़ भाषा में होगा। हिन्दी व इंग्लिश के पेपर सभी केन्द्रों पर उपलब्ध होंगे। जबकि अन्य भाषाओं के पेपर संबंधित राज्यों में दिए जाएंगे।
कोटा को बनाया परीक्षा केन्द्र
राज्य के पांच शहरों कोटा, जयपुर, उदयपुर, अजमेर व जोधपुर में नीट के परीक्षा केन्द्र बनाए जाएंगे। कोटा में 20 केंद्रों पर 11 हजार 100 स्टूडेंट्स एग्जाम देंगे। मेडिकल कॉलेजों की करीब 66 हजार सीटों पर 13.36 स्टूडेंट्स परीक्षा देंगे। कॉम्पीटिशन इतना मुश्किल रहेगा कि प्रत्येक 100 में 4 स्टूडेंट्स ही मेडिकल कॉलेजों की दहलीज तक पहुंच सकेंगे। जनरल कैटेगरी का कट ऑफ पर्सेंटाइल 50 रहेगा।