पूरा देश कोरोना के संक्रमण काल से गुजर रहा है और साल महीने पहले लगाया गया लाॅकडाउन अब चरणबद्ध तरीके से खोला जा रहा है। लाॅकडाउन की वजह से कोचिंग सिटी कोटा के कोचिंग संस्थान पूर्णतया बंद हो चुके थे। हालांकि आॅनलाइन पढ़ाई जारी थी लेकिन स्टूडेंट्स के नहीं आने से शहर की आर्थिक व्यवस्था पटरी से उतर गई थी। कोचिंग संचालकों, स्थानीय व्यापारियों के साथ विद्यार्थियों को भी इंतजार था कि कोचिंग संस्थानों में क्लासरूम स्टडी कब प्रारंभ होगी।

ऐसे में बुधवार का दिन कोचिंग सिटी कोटा के लिए खुशखबरी लेकर आया है। केन्द्र सरकार ने अनलाॅक 5 की गाइडलाइन जारी की है। जिसके अनुसार 15 अक्टूबर के बाद कोचिंग संस्थानों व स्कूलों को खोलने की अनुमति दे दी गई है। इसके लिए शैक्षणिक संस्थानों को माता-पिता की अनुमति लेनी अनिवार्य होगी। हालांकि यह निर्णय राज्य सरकार पर छोड़ा गया है कि वे अपने राज्य में कब से कोचिंग संस्थानों व स्कूलों को संचालित करना चाहते हैं। ऐसे में उम्मीद है कि 15 अक्टूबर के बाद कोचिंग सिटी कोटा की रौनक फिर से लौटेगी और शहर की अर्थव्यवस्था का पहिया सुचारु रुप से घूमेगा।

पीएम मोदी ने कोटा को बताया शिक्षा की काशी

कोचिंग सिटी कोटा का माहौल ऐसा है कि यहां हर ओर स्टूडेंट्स ही स्टूडेंट्स दिखाई देते हैं। शहर में 100 से भी ज्यादा कोचिंग संस्थान हैं। जिनमे करीब 10 संस्थान जैसे एलन करियर इंस्टीट्यूट, करियर पॉइंट, आकाश, वाइब्रेंट, रेजोनेंस, सर्वोत्तम एवं न्यूक्लियस प्रमुख हैं। जहां देश के कोने कोने से हर वर्ष लाखों विद्यार्थी इंजीनियरिंग एवं मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने आते हैं। वर्ष 2019 में करीब डेढ़ लाख से ज्यादा कोचिंग स्टूडेंट कोटा के विभिन्न कोचिंग संस्थानों में अध्यनरत थे। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में अपने उद्बोधन के दौरान कहा था कि राजस्थान के एक कोने में बस एक छोटा सा शहर कोटा आज शिक्षा की काशी बन चुका है। इसी तरह वर्ष 2019 में मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी कोटा को शिक्षा के तीर्थ की संज्ञा दी थी।

कोचिंग पर आधारित है कोटा की अर्थव्यवस्था

कोचिंग सिटी कोटा की प्रमुख अर्थव्यवस्था यहां के कोचिंग संस्थानों पर ही निर्भर है। कोचिंग व कोचिंग स्टूडेंट्स पर आधारित विभिन्न तरह के व्यापार यहां विकसित है। कोचिंग क्षेत्रों में स्टूडेंट्स के लिए हॉस्टल, मैस, पीजी की सुविधाएं हैं। बाजारों में साइकिल से लेकर किताबों की दुकानें एवं स्टूडेंट्स की जरूरत से जुड़ा हर सामान सहजता से उपलब्ध हो जाता है। एक मोटे अनुमान के अनुसार करीब 15 सौ करोड़ की अर्थव्यवस्था का चक्र है। जिसकी धुरी कोटा के कोचिंग संस्थान हैं। लाखों कोचिंग विद्यार्थियों की वजह से कोटा में व्यापार की अनगिनत संभावनाएं हैं। इस वजह से यहां कई तरह के स्टार्टअप्स भी संचालित हैं।

लॉकडाउन में रखा घर जैसा ख्याल

करियर सिटी कोटा में सिर्फ स्टूडेंट्स का करियर ही नहीं संवारा जाता बल्कि घर जैसा माहौल दिया जाता है। कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान कोटा में अध्ययनरत प्रत्येक स्टूडेंट की सुविधा का कोचिंग संस्थानों एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा पूरा ख्याल रखा गया। शहर की प्रमुख एलेन स्टूडेंट्स वेलफेयर सोसायटी द्वारा स्टूडेंट्स की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किये गए। स्टूडेंट्स के लिए सुबह शाम निशुल्क भोजन की व्यवस्था की गई। हेल्पलाइन पर प्राप्त कॉल्स के आधार पर स्टूडेंट्स को मेडिकल व अन्य जरूरत की वस्तुएं उपलब्ध कराई गई।

कोटा इवेक्युएशन मॉडल बना नजीर

लॉकडाउन की वजह से कोचिंग सिटी कोटा के कोचिंग संस्थान बंद हो गए थे। ऐसे में कोचिंग संस्थानों ने जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार के सहयोग से अन्य राज्य सरकारों से समन्वय स्थापित किया। सबसे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने कोटा में अध्यनरत अपने विद्यार्थियों को लाने के लिए बसें भेजी। इसके बाद अन्य राज्य सरकारें भी आगे आई और करीब 25 दिन तक चले अभियान के दौरान 55 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स को बसों व ट्रेनों के माध्यम से सुरक्षित घर पहुंचाया। एलेन स्टूडेंट्स वेलफेयर सोसाइटी द्वारा प्रत्येक स्टूडेंट की रवानगी से पूर्व थर्मल स्क्रीनिंग की गई। उन्हें मास्क एवं भोजन दिया गया। बसों व ट्रेनों को सैनिटाइज किया गया। ताकि स्टूडेंट हाइजीन वातावरण में सफर कर सुरक्षित घर पहुंच सके। जिसको राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली एवं अन्य राज्यों ने भी कोटा इवेक्युएशन मॉडल को अपनाया।

लॉकडाउन में पढ़ाई को रखा नियमित

लॉक डाउन की वजह से कोचिंग संस्थान पूर्णतया बंद हो चुके थे। ऐसे में क्लासरूम स्टडी संभव नहीं थी। स्टूडेंट से भविष्य एवं आगामी परीक्षाओं को देखते हुए कोटा के कोचिंग संस्थानों ने स्टूडेंट्स की पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखने के लिए ऑनलाइन स्टडी प्रारंभ की। ताकि स्टूडेंट्स घर बैठे ऑनलाइन क्लास अटेंड कर परीक्षा की तैयारी कर सकें। ऑनलाइन स्टडी के दौरान ही स्टूडेंट्स को डाउट सॉल्विंग एवं सेल्फ एसेसमेंट के लिए टेस्ट की सुविधा भी दी गईं।

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