कोविड के दौरान जब पहला लॉकडाउन लगाया गया था तो सबसे बड़ी चुनौती थी कोटा में पढ़ रहे स्टूडेंट्स की पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखना। क्योंकि मार्च में लॉकडाउन लगा था और आगामी महीनों में इंजीनियरिंग व मेडिकल की प्रवेष परीक्षाएं होनी थी। कोटा के कोचिंग संस्थानों ने इस चुनौती को स्वीकार किया और डिजीटल एजुकेशन की ओर कदम बढ़ाए। प्रत्येक विद्यार्थी को देश के कोने-कोने से घर बैठे डिजीटल एजुकेशन मुहैया कराई गई।

डिजिटल कल की ओर कदम
कोटा कोचिंग आने वाले समय में जिस डिजिटल कल की ओर कदम बढ़ा रही है, इस आम बजट में उस कंसेप्ट को बूस्ट किया गया है। हालांकि कोविड काल में कोटा ने देशभर से मेडिकल एवं इंजीनियरिंग की कोचिंग करने वाले स्टूडेंट्स को एजुकेशन के लिए जो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म दिया है वह परिस्थिति को जरूरतों को देखते हुए मजबूरीवश था लेकिन वह बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल एजुकेशन की पर फोकस कर इसे संस्थागत बना दिया है। ऐसे में आने वाले समय में एजुकेशन के लिए किया जा रहा बदलाव कोचिंग सिटी कोटा में यह एक बूस्टर साबित हो सकेगा। बजट में शिक्षा के लिए एक डिजिटल विश्वविद्यालय बनाने के भी घोषणा की गई है। वित्त मंत्री ने बताया कि मोबाईल के माध्यम से घर-घर तक शिक्षा की पहुंच बनाने के मकसद से एक डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। इसके माध्यम से सभी क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा की व्यवस्था होगी।

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