जून के अंत तक प्रारंभ होंगे कोटा के कोचिंग संस्थान कोचिंग संस्थानों व हाॅस्टलों में बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर मजबूत प्रबंध
कोटा. कोविड 19 के संक्रमण के खतरे की वजह से बीते दो माह से ज्यादा देश लाॅकडाउन की स्थिति से गुजर रहा था। अब धीरे-धीरे स्थितियां सामान्य होने लगी है और जिंदगी पटरी पर लौट रही है। ऐसे में उम्मीद है कि कोटा के कोचिंग संस्थान अब जल्द ही गुलजार होंगे। राज्य सरकार के निर्देशों के बाद सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की पालना के बीच जून माह के अंत तक कोचिंग संस्थानों में रेगुलर कक्षाएं लगना प्रारंभ हो जाएगी। क्योंकि कोचिंग संस्थान कोटा की अर्थव्यवस्था का प्रमुख हिस्सा हैं। शहर में करीब एक लाख लोग विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से इन कोचिंग संस्थानों पर निर्भर है। ऐसे में कोचिंग संस्थान, हाॅस्टल संचालक प्रयासरत है कि स्टूडेंट्स को कोटा में सुरक्षित व स्वस्थ वातावरण उपलब्ध कराया जाए। ताकि स्टूडेंट हाईजीन वातावरण में रहकर पढ़ाई कर सके। कोचिंग संस्थानों द्वारा स्वनिर्देश तैयार किए गए हैं। जिसके तहत स्टूडेंट्स को क्लासरूम कोचिंग दी जाएगी।
स्टूडेंट्स की सुरक्षा को प्राथमिकता
देश में अनलाॅक 1 हो चुका है। कोचिंग संस्थानों में फिलहाल अगले आदेश तक शैक्षणिक कार्य बंद है लेकिन, संस्थानों ने अपने स्तर पर स्टूडेंट्स की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर रणनीति बनानी शुरु कर दी है। कोचिंग संस्थानों में कक्षा कक्षों की साइज बड़ी है और उनमें 120 स्टूडेंट्स एक बार में बैठ सकते हैं। अब स्टूडेंट्स को दो से तीन पारियों में बुलाया जाएगा। जिससे स्वतः सोशल डिस्टेंसिंग की पालना होगी। यहां तक कि कोटा के कोचिंग जोन राजीव गांधी नगर, कुन्हाड़ी लैंडमार्क सिटी, बारां रोड, तलवंडी, जवाहर नगर एवं इन्द्रा विहार को सेफ जोन बनाया जाएगा। जहां बाहरी व्यक्तियों एवं वाहनों के अनाधिकृत प्रवेश पर रोक लगाई जाएगी। क्योंकि इन क्षेत्रों में दिनभर स्टूडेंट्स की भारी आवाजाही रहती है।
ये होंगे कोचिंग संस्थानों के नियम
- कोचिंग कैम्पस की एंट्री पर ही स्टूडेंट्स को कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए निर्देशित किया जाएगा।
- हर स्टूडेंट को छाता दिया जाएगा, स्टूडेंट छाता खोलकर चलेंगे ताकि सोशल डिस्टेंसिंग स्वतः निर्धारित हो सके।
- कैम्पस में प्रवेश के समय हर स्टूडेंट के कोचिंग आईडी कार्ड की जांच की जाएगी।
- हर स्टूडेंट की कैम्पस के मुख्यद्वार पर रोजाना थर्मल स्केनिंग की जाएगी।
- स्टूडेंट को मास्क या फेस शील्ड लगाने के बाद ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
- राज्य सरकार के निर्धारित मापदण्डों के अनुसार जहां-जहां स्टूडेंट्स जाएंगे वहां जमीन पर मार्किंग बनाई जाएगी। इस मार्किंग के आधार पर ही स्टूडेंट्स आगे बढ़ेंगे।
- हर कैम्पस में निर्धारित स्थानों पर स्टूडेंट के लिए सेनेटाइजर उपलब्ध होगा, हाथ धुलवाए जाएंगे।
- क्लास में प्रवेश से पहले एक बार पुनः स्टूडेंट की थर्मल स्केनिंग की जाएगी।
- सोशल डिस्टेंसिंग के लिए कक्षाकक्षों की निर्धारित क्षमता से आधे स्टूडेंट्स ही बैठाए जाएंगे।
- स्टूडेंट्स को डायगोनली (तिरछे क्रम में) बिठाया जाएगा, जिससे एक-दूसरे से दूरी अधिक रह सके।
- कोचिंग परिसर के किसी भी क्षेत्र में बिना मास्क या फेसशील्ड के ठहरने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- स्टूडेंट को अपनी पानी की बोतल अपने साथ लानी होगी।
- कक्षाओं का ब्रेक टाइम अलग-अलग होगा, जिससे की वॉशरूम या केंटीन एरिया में स्टूडेंट्स एकत्रित नहीं हो सकें।
- ‘‘डूज एण्ड डोंट्स‘‘ के दिशा निर्देश हर क्लासरूम तथा फ्लोर के नोटिस बोर्ड पर चस्पा किए जाएंगे।
- डाउट काउंटर्स पर भी सोशल डिस्टेंसिंग के मापदण्डों की पालना सुनिश्चित की जाएगी।
- स्टूडेंट्स को पाठ्य सामग्री देते समय भी विशेष सावधानी बरती जाएगी।
- हर कोचिंग कैम्पस को रोजाना दिन में दो बार सेनेटाइज किया जाएगा।
- हर कैम्पस में कोरोना टॉस्क फोर्स अलग से रखी जाएगी।
- कोचिंग समय के दौरान स्टूडेंट्स के आने से लेकर जाने तक डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ हर कैम्पस में रहेंगे।