जनवरी जेईई-मेन-2020 के आवेदन में करेक्शन की प्रक्रिया शुरू
9 लाख 74 हजार से ज्यादा विद्यार्थी पंजीकृत, गत वर्ष के मुकाबले 45 हजार ज्यादा विद्यार्थियों ने कराया पंजीकरण
कोटा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन जो कि जनवरी एवं अप्रेल माह में पूर्णतः कम्प्यूटर बेस्ड होने जा रही है। यह परीक्षा 6 से 11 जनवरी के मध्य दो शिफ्टों में देश के 224 शहरों में बनाए गए परीक्षा केन्द्रों पर होगी। विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए एवं जेईई-मेन ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को त्रुटि रहित करने के लिए एनटीए द्वारा विद्यार्थियों को अपने द्वारा भरी हुई प्रविष्टियों में बदलाव करने का केवल एक एवं अंतिम अवसर दिया गया है। विद्यार्थी जेईई-मेन वेबसाइट पर दिए गए करेक्शन विकल्प के द्वारा अपना एप्लीकेशन नम्बर एवं पासवर्ड डालकर लाॅगइन कर सकते हैं। लॉगइन कर विद्यार्थी अपने द्वारा भरी हुई प्रविष्ठियों में गलती होने पर आवश्यकतानुसार करेक्शन कर सकते हैं। विद्यार्थी स्वयं के नाम माता-पिता के नाम, बोर्ड संबंधित जानकारी पते, जन्म दिनांक, कैटेगिरी, स्टेट ऑफ़ इलेजिब्लिटी आदि कॉलम में बदलाव कर सकते हैं। विद्यार्थी जिन्होंने अभी पेपर-1 बीई, बीटेक के लिए आवेदन किया है, वे अतिरिक्त परीक्षा शुल्क का भुगतान कर पेपर-2 बीआर्क के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। इस अतिरिक्त परीक्षा शुल्क का भुगतान डेबिट-क्रेडिट कार्ड एवं नेट बैंकिंग के माध्यम से किया जा सकता है। करेक्शन करने की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर तक दी गई है।
इस वर्ष कुल 9 लाख 74 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों ने आवेदन किया है। जोकि गत वर्ष के मुकाबले 45 हजार अधिक है। विद्यार्थी दिए गए समय में ऑनलाइन आवेदन में हुई गलतियों को सुधारकर पुनः कन्र्फेमेशन पेज का पिं्रटआउट निकालकर गलतियों में सुधार की पुष्टि कर सकते हैं। विद्यार्थियों को डाटा करेक्शन का यह अंतिम अवसर दिया गया है। इस वर्ष जारी की गई सूचना के अनुसार विद्यार्थी अपनी परीक्षा तिथि, समय एवं परीक्षा केन्द्रों की जानकारी 6 दिसंबर को जारी होने वाले प्रवेश पत्रों द्वारा प्राप्त कर सकेंगे। जबकि गत वर्ष विद्यार्थियों को परीक्षा केन्द्र एवं शिफ्ट की जानकारी अक्टूबर माह में दे दी गई थी। जिससे विद्यार्थियों ने सुविधानुसार आने-जाने की व्यवस्था समय रहते आसानी से कर ली लेकिन, इस वर्ष यह जानकारी दिसंबर माह में मिलने से विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।