जुलाई जेईई मेन का परिणाम जनवरी से बेहतर हो सकता है परीक्षा तिथि तीन महीने आगे बढने और लाॅकडाउन में पढने का ज्यादा समय मिलने से स्टूडेंट्स ने की जमकर मेहनत
शिक्षा में लॉकडाउन का सकारात्मक असर भी नजर आया है। इसके चलते घर में रहने से स्टूडेंट्स का स्टडी टाइम दो से तीन घंटे अधिक बढ़ा है। सीबीएसई बोर्ड के मुख्य पेपर पहले होने के कारण जेईई मेन, जेईई एडवांस्ड व नीट की तैयारियां करने वाले छात्रों को पढ़ाई के लिए भी अच्छा समय मिल गया। मेन व नीट जुलाई में हैं। यह एग्जाम देने वाले अधिकांश छात्र ऑप्शनल पेपर के रूप में फिजिकल एजुकेशन या फिर कंप्यूटर साइंस चुनते हैं। इनमें से कंप्यूटर साइंस का पेपर रह गया है। आरबीएसई में भी कुछ पेपर ही बाकी हंै। दूसरी बड़ी बात यह है कि स्टूडेंट्स ने ऑनलाइन व ऑफलाइन पढ़ाई पेरेंट्स के सामने ही की है। इससे उनके अनुशासन में सुधार आया है। एक्सपर्ट का मानना है कि जुलाई मेन का परिणाम जनवरी मेन से बेहतर हो सकता है। काउंसलर्स का कहना है कि जो छात्र पहले पांच घंटे पढ़ रहा था, वह लॉकडाउन में सात से आठ घंटे तक पढ़ाई कर रहा है। ऑनलाइन रिसोर्सेस के कारण उसके डाउट बेहतर तरीके से क्लियर हुए हैं।
15 दिन पहले जारी होंगे एडमिट कार्ड
जेईई मेन व नीट के एडमिट कार्ड एग्जाम से 15 दिन पहले जारी होंगे। हालांकि एनटीए ने सभी छात्रों को केंद्र बदलने का मौका दिया था। छात्रों को उनका केंद्र, परीक्षा की तारीख व स्लॉट एडमिट कार्ड में ही पता चलेगा। सबसे बड़ी चुनौती नीट का एग्जाम करवाना होगा। इस परीक्षा में करीब 16 लाख छात्र बैठेंगे। एम्स व जिपमेर में इस साल नीट के जरिए एडमिशन मिलेगा। हालांकि काउसंलिंग अलग-अलग ही होगी। जेईई एडवांस्ड का ब्रोशर भी जल्द ही फिर से रिलीज किया जाएगा