देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई-मेन जो कि इस वर्ष चार बार फरवरी, मार्च, अप्रेल एवं मई में आयोजित करवाई जा रही है। इसमें फरवरी एवं मार्च परीक्षा में 6 लाख से ज्यादा विद्यार्थी भाग ले चुके हैं। साथ ही अप्रैल परीक्षा की आवेदन प्रक्रिया 4 अप्रैल तक जारी है।
वर्ष 2019- 20 के जेईई-मेन के परिणामों का विश्लेषण करें तो 24 विद्यार्थी ऐसे सामने आए थे, जिन्होंने 100 पर्सेन्टाइल एनटीए स्कोर प्राप्त किया था, वहीं वर्ष 2021 में हुई जेईई-मेन  फरवरी एवं मार्च में 19 विद्यार्थी ऐसे सामने आ चुके हैं, जिनका एनटीए स्कोर 100 पर्सेन्टाइल रहा है और अभी अप्रैल एवं मई की परीक्षाएं शेष है। इन परीक्षाओं में अनुमानतः 16 शिफ्टों में बीई-बीटेक के लिए परीक्षा होना शेष है। ऐसे में इस वर्ष कम से कम 37 विद्यार्थी ऐसे सामने आ सकते हैं, जिनका स्कोर 100 पर्सेन्टाइल होगा। यानी गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 100 पर्सेन्टाइल स्कोरर अधिक होने से उनमें आल इंडिया रैंक प्राप्त करने के लिए ज्यादा टफ कम्पीटिशन रहेगा, क्योंकि यदि दो विद्यार्थियों का एनटीए स्कोर समान रहता है तो आल इंडिया रैंक देने के लिए उनका सब्जेक्टस वाइज एनटीए स्कोर देखा जाता है। जिसमें सर्वप्रथम मैथ्स का एनटीए स्कोर,, इसमें टाई लगने पर फिजिक्स का एनटीए स्कोर और इसके बाद भी टाई होने पर कैमेस्ट्री का एनटीए स्कोर देखा जाता है। यदि तीनों विषयों में भी एनटीए स्कोर समान होते हैं तो जिस विद्यार्थी का ऋणात्मक मार्किंग कम होगी, उसे आल इंडिया रैंक में प्राथमिकता दी जाएगी।

हजारों विद्यार्थियों के एनटीए स्कोर टाई

फरवरी-मार्च के हजारों विद्यार्थियों के परिणामों का विश्लेषण करने पर यह सामने आया कि उनमें से 99.3 प्रतिशत से ज्यादा विद्यार्थियों के एनटीए स्कोर आपस में एक या एक अधिक विद्यार्थियों के एनटीए स्कोर से टाई हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में सभी विद्यार्थियों को सलाह दी जाती है कि विद्यार्थी प्रत्येक विषय फिजिक्स, कैमेस्ट्री एवं मैथ्स में अपने एनटीए स्कोर को बढ़ाने के लिए मेहनत करे। क्योंकि एनटीए स्कोर में टाई लगने की स्थिति में विषयवार स्कोर को प्राथमिकता दी जाएगी।
कैसे तय होगी 300 अंक वालों की एआईआर
वर्ष 2021 के जेईइ-मेन के परिणामों में कुछ विद्यार्थी ऐसे भी हैं, जिनके 100 पर्सेंटाइल के साथ 300 अंक भी हैं। ऐसे में जारी किए गए इनफोर्मेशन बुलेटिन के अनुसार आल इंडिया रैंक जारी करने के लिए बताए गए मापदण्डों पर टाई की स्थिति बनती है तो ऐसे में इन विद्यार्थियों को आल इंडिया रैंक देने के लिए क्या तरीका अपनाया जाएगा, इसका स्पष्टीकरण नहीं है। जबकि 2020 में इन सभी मापदण्डों पर टाई लगने की परिस्थिति में ज्यादा उम्र वाले विद्यार्थी को आल इंडिया रैंक देने में प्राथमिकता दी जाती थी।

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