विद्यार्थियों को तीन अलग-अलग परीक्षा की जगह एक कॉमन परीक्षा की तैयारी करनी होगी

कोटा. अब तक देश की सबसे कठिन मेडिकल प्रवेश परीक्षा माने जाने वाली एम्स तथा जिपमेर वर्ष 2020 में नहीं होगी। अब एम्स व जिपमेर काॅलेजों में मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2020 के माध्यम से ही विद्यार्थियों को प्रवेश मिलेगा। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. हर्षवर्द्धन ने शुक्रवार को एक प्रेस काॅन्फ्रेंस कर इस बारे में जानकारी दी। जल्द ही इस बारे में नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। यह निर्णय विद्यार्थियों के लिए राहत भरा रहेगा। क्योंकि अभी तक विद्यार्थियों को तीनों परीक्षाओं के लिए अलग-अलग तैयारी करनी होती थी। अब एम्स, जिपमेर के अलावा अन्य मेडिकल काॅलेजों में प्रवेश के लिए एक ही काॅमन परीक्षा नीट-यूजी निर्धारित कर दी गई है। पूर्व में एम्स में परीक्षा पैटर्न में आॅब्जेक्टिव टाइप क्वेशचंस जिसमें असरशन रीजनिंग, जनरल अवेयरनेस, लाॅजिकल रीजनिंग आती थी। इसी प्रकार जिपमेर परीक्षा पैटर्न में आॅब्जेक्टिव टाइप क्वेशचंस जिसमें लाॅजिकल रीजनिंग व जनरल इंग्लिश आती थी। इस कारण इन परीक्षाओं की विद्यार्थियों को अलग-अलग तैयारी करनी होती थी।

नेशनल मेडिकल कमिशन की गाइडलाइंस के अनुसार एकल प्रवेश परीक्षा प्रस्तावित थी। इसे ध्यान में रखते हुए अब नया प्रावधान लागू किया जा रहा है। अब नीट परीक्षा के बाद एम्स, जिपमेर एवं अन्य मेडिकल व डेंटल काॅलेजों में प्रवेश के लिए सिंगल काउंसलिंग प्रक्रिया होगी। नीट परीक्षा में टाॅप रैंक प्राप्त विद्यार्थी प्राथमिकता के आधार पर अपनी इच्छा से काॅलेज का चयन कर सकेंगे।

नीट यूजी परीक्षा 3 मई 2020 को प्रस्तावित है। इस परीक्षा से मेडिकल, डेंटल, आयुर्वेद, हौम्योपेथ, यूनानी, योग एवं सिद्धा के स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश मिलता है। वर्तमान में देशभर में 540 एलोपैथिक मेडिकल काॅलेजों में 76978 एमबीबीएस सीटें हैं। इसी प्रकार 313 डेंटल काॅलेजों में 26949 बीडीएस सीटें हैं। इसके अलावा 15 एम्स पूरे देशभर में संचालित हैं।

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